हिमाचल प्रदेष विश्वविद्यालय की स्थापना 22 जुलाई, 1970 को हुई। यह मुख्य शहर षिमला से 5 कि0मी0 की दूरी पर समरहिल में स्थित है। विश्वविद्यालय देवदार, जई, पाईन्स और पलाष के लम्बे और हरे-भरे पेड़ों के मध्य बसा हुआ है। यहां के घने जंगल विश्वविद्यालय समरहिल के मनोहर दृष्य को प्रस्तुत करते हैं। विश्वविद्यालय परिसर जहां एक ओर पूर्व दिषा से प्रातःकालीन सूर्य की किरणों मे स्नान करता है, तो वहीं दूसरी ओर पष्चिम में सूर्यास्त की भव्यता का अद्वितीय एवं मनोरम दृष्य प्रस्तुत करता है। बर्फ से ढ़की हुई भव्य पर्वत श्रृंखलाएं विश्वविद्यालय के उत्कृष्ट आदर्षों और दूरदर्षिता को दर्षाती है। यहां की अनुकूल जलवायु एवं शान्तिपूर्ण वातावरण शैक्षणिक गतिविधियों को बढ़ाने में सहायक है। विश्वविद्यालय परिसर 200 एकड़ भूमि पर विस्तारित है और इसे विषेष वास्तुषिल्प शैली द्वारा तैयार किया गया है। यह राज्य का एक मात्र मान्यता प्राप्त एवं बहुसंकाय विश्वविद्यालय है। यह प्रायः भाारत के प्रथम प्रधानमन्त्री पं0 जवाहर लाल नेहरू के कथन पर दृढ़ता से विष्वास करता है। इलाहबाद विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह के संदेष में उल्लेख किया गया है कि विश्वविद्यालय मानवता, सहिष्णुता, प्रगति, दृढ़ विचारों एवं सत्यनिष्ठा का प्रतीक है। इसका अभिप्राय मानव जाति का उत्थान करना भी है।
संकायः
-
आयुर्वेद
-
वाणिज्य एवं प्रबन्धन
-
प्रषासन
-
दन्त विज्ञान
-
षिक्षा
-
अभियान्त्रिकी
-
भाषा
-
विधि
-
जीव विज्ञान
-
चिकित्सा विज्ञान
-
श्रव्य एवं दृष्य कला
-
भौतिक विज्ञान
-
समाजिक विज्ञान
आयुर्वेद चिकित्सक एवं दन्त विज्ञान से अलावा उपरोक्त समस्त संकाय हिमाचल प्रदेष विश्वविद्यालय परिसर से सम्बन्धित है।
उद्देष्यः
ज्ञान का प्रचार-प्रसार, स्वतन्त्र एवं गहन समीक्षात्मक चिन्तन, भारतीय परम्परा में निहित मूल्यों को आत्मसात् करना ही विश्वविद्यालय का मुख्य ध्येय है। विष्वविद्याय का मुख्य मूल उद्देष्य हिमाचल प्रदेष के दुर्गम क्षेत्र में रहने वाले लोगों को षिक्षण, षोध तथा अन्य कार्यक्रमों द्वारा षिक्षित और सषक्त बनाना है।
इसके अतिरिक्त यह बौद्धिक एवं सामाजिक रूप में उच्च षिक्षा की प्रासंगिक व्यवस्था है। इसका उद्देष्य विद्यार्थियों में नैतिक मूल्य, अनुषासन, लोकतांत्रिक भावना, देष भक्ति, मतभेदों का सम्मान, व्यवसायिकता, सामाजिक उत्तरदायित्व, सहयोग, अहिंसा और दक्षता जैसी भावनाओं का संचरण एवं संवर्द्धन करना है।
विश्वविद्यालय का मुख्य उद्देष्य औपचारिक एवं दूरवर्ती षिक्षा के माध्यम से जनमानस को लिंग, जाति और धर्म के आधार पर बिना किसी भेदभाव के गुणात्मक षिक्षा प्रदान करना है। यह विद्यार्थियों में प्रासंगिक एवं उचित कौषल का विकास करते हुए उनमें जीवन की चुनौतियों का सामना करने की भावना उत्पन्न करता है।
मुख्य रुप से कहा जा सकता है। कि विश्वविद्यालय का मुख्य उद्देष्य न केवल हिमाचल प्रदेष बल्कि सम्पूर्ण भारतवर्ष में सामाजिक विज्ञान, व्यवहारिक विज्ञान, भाषा और तकनीक के क्षेत्र में योगदानकर्ता के रुप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
शोध के मुख्य विषयः
-
एकीकृत हिमालयन अध्ययन।
-
वानिकी, कृषि और बागवानी में प्रौद्योगिकी का प्रयोग।
-
सहजीवी तकनीक, (माईकोरहिज़ल) पारिस्थितिकी, जातीय वनस्पति शास्त्र, जैव विविधता, लकड़ी विज्ञान, शहद, कोष्किा अनुवांषिक, पौध एवं पशु शरीर विज्ञान।
-
बहुलक रसायन विज्ञान, विष्लेषणात्मक रसायन विज्ञान।
-
साफ्टवेयर के विकास में कम्प्यूटर का अनुपयोग।
-
संगणनात्मक भौतिकी, परमाणु भौतिकी, संधनित तत्व भौतिकी, प्लाज़मा भौतिकी।
-
हाइड्रोडायनामिक एवं हाइड्रोमैगनेटिक स्टेबलिटि अस्पष्ट बीजगणित, मोसन आॅफ नान-न्यूटियन फलीयूडस।
-
सतत् विकास, गरीबी, जनजातीय अध्यय, मानव संसाधन विकास।
-
मानवीय भूगोल, सुदूर संवेदन, जनसंख्या अध्ययन, पर्यावरण।
-
व्यापार और वाणिज्य, पर्यटन, निर्यात विपणन, बैंकिंग, ग्रामीण विकास, कृषि एवं बागवानी अध्ययन।
सम्बद्ध संस्थानः
सम्बद्ध महाविद्यालय - 300
अन्तर्राष्ट्रीय दूरवर्ती षिक्षा एवं मुक्त अध्ययन केन्द्र, हिमाचल प्रदेष विश्वविद्यालय क्षेत्रीय अध्ययन केन्द्र धर्मषाला दोनों ही विश्वविद्यालय से सम्बद्ध संस्थान हैं। इस विश्वविद्यालय से सम्बद्ध परम्परागत और व्यवसायिक महाविद्यालय हैं। हिमाचल प्रदेष विश्वविद्यालय के अन्तर्गत स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर पर 64 राजकीय महाविद्यालय, 5 राजकीय संस्कृत महाविद्यालय, 54 स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर पर वित पोषित एवं निजी महाविद्यालय, 2 शोध संस्थान, 74 षिक्षण संस्थान, 6 विधि महाविद्यालय, 2 चिकित्सक महाविद्यालय, 1 आयुर्वेदिक महाविद्यालय, 5 दन्त चिकित्सक महाविद्यालय, 1 होम्योपैथिक महाविद्यालय, 27 अभियांत्रिक वाणिज्य एवं प्रबन्धन अध्ययन काॅलेज, विश्वविद्यालय विवि अध्ययन स्कूल, हिमाचल प्रदेष सांध्यकालीन अध्ययन विभाग और क्षेत्रीय अध्ययन केन्द्र आते हैं।
हिमाचल प्रदेष विश्वविद्यालय सांध्यकालीन अध्ययन विभागः
सन् 1962 में आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग की आवष्यकता पूर्ति हेतु हिमाचल प्रदेष विश्वविद्यालय सांध्यकालीन अध्ययन विभाग की स्थापना की गई। इस विभाग में केवल कर्मचारी वर्ग को प्रवेष का अधिकार प्राप्त था और महिलाएं इस शर्त से मुक्त थीं।
अन्तर्राष्ट्रीय दूरवर्ती षिक्षा एवं मुक्त अध्ययन केन्द्र (इक्डोल):
सन् 1970 में हिमाचल प्रदेष विश्वविद्यालय की स्थापना के पश्चात् पत्राचार पाठ्यक्रम निदेषालय का आरम्भ किया गया। सर्वप्रथम दूरवर्ती षिक्षा कार्यक्रम के अन्तर्गत विश्वविद्यालय ने स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर पर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह विश्वविद्यालय भारत का प्रथम विश्वविद्यालय बना, जिसने स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर पर सामाजिक विज्ञान, कला, वाणिज्य और अध्यापक प्रषिक्षण विषयों में दूरवर्ती षिक्षा के माध्यम से दिषा-निर्देष जारी किये। पत्राचार पाठ्यक्रम निदेषाल ने षिक्षा प्रदान करने के लिए मल्टी मीडिया पद्धति को अपनाया। तत्पश्चात् इसका नया नाम अन्तर्राष्ट्रीय दूरवर्ती षिक्षा एवं मुक्त अध्ययन केन्द्र रखा गया और यह केन्द्र विश्वविद्यालय परिसर में ही स्थित है।
हिमाचल प्रदेष विश्वविद्यालय क्षेत्रीय केन्द्र, धर्मषालाः
इस केन्द्र की स्थापना जुलाई, 1992 में कांगड़ा जिले के धर्मषाला में की गई, जो कि दलाईलामा का निवास स्थान और तिब्बतियों का प्रवास क्षेत्र है। इस केन्द्र में स्नातकोत्तर स्तर विज्ञान, मानविकी और विधि अध्ययन स्कूल के पाठ्यक्रम निर्धारित किये गये हैं। आज के समय में यह केन्द्र धर्मषाला के खनियारा क्षेत्र में स्थित है।
विषेष केन्द्रः
-
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग - मानव संसाधन विकास केन्द्र।
-
कृषि आर्थिक अनुसंधान केन्द्र।
-
जैव सूचना केन्द्र
-
कनेडियन अध्ययन एवं विकास कार्यक्रम
-
हिमाचल प्रदेष विश्वविद्यालय प्रौढ़ अनवरत और विस्तारण षिक्षा केन्द्र
-
आॅस्ट्रेलियन, न्यूज़ीलैण्ड अध्ययन केन्द्र
-
कम्प्यूटर केन्द्र
-
शारीरिक षिक्षा एवं युवा कल्याण निदेषालय
-
नेहरू अध्ययन केन्द्र
-
जनसंख्या शोध केन्द्र
-
पूर्व परीक्षा प्रषिक्षण केन्द्र
-
साईंस एण्ड टैक्नाॅलोजीकल एन्टरप्नूयोरल पार्क
-
जनजातीय अध्ययन केन्द्र
-
विश्वविद्यालय सूचना तकनीकी संस्थान
-
विवेकानन्द केन्द्र
-
महिला विकास केन्द्र
-
रीजनल फील्ड यूनिट आॅफ एन.टी.टी. इण्डिया
पीठः
-
नेता जी सुभाष चन्द्र बोस
-
मोहनदास करमचंद गांधी
-
स्वामी दयानंद
-
संत गुरु रविदास
-
डॉण् श्यामा प्रसाद मुखर्जी
-
जवाहर लाल नेहरू
-
डॉण् वाईण् एसण् परमार
-
पंडित दीन दयाल उपाध्याय
-
डॉण् बीण् आरण् अंबेडकर
-
राजीव गाँधीपंचायती राज अध्ययन
-
बाबु जग जीवन राम सामाजिक समावेषण
-
गुरु नानक देव
-
स्वामी विवेकानंद
-
डॉण् केशव बलिराम हेडगेवार
-
वीरभद्र सिंह
-
सावित्रीबाई फुले
विश्वविद्यालय परिसर के षिक्षण विभाग:
संकायों का विवरण :
1. आयुर्वेद संकाय:
2. दंत विज्ञान संकाय:
3. चिकित्सा विज्ञान संकाय:
4. शिक्षा संकाय:
5. प्रौद्योगिकी के इंजीनियरिंग संकाय:
-
सूचान प्रौद्योगिकी
-
कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग
-
असैनिक अभियंत्रण
-
विद्युत अभियन्त्रण
-
इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग
-
अनुप्रयुक्त विज्ञान और मानविकी
6. पर्यावरण विकास और सतत अध्ययन संकाय:
-
पर्यावर्णीय विज्ञानों
-
ग्रामीण विकास
-
पहाड़ी लघु चित्रकारी
-
पीजीडीडीएम
7. भाषा संकाय:
-
संस्कृत
-
हिंदी
-
अंग्रेज़ी
-
विदेशी भाषाएँ
-
बौद्ध अध्ययन
8. विधि संकाय:
9. जीवन विज्ञान संकाय:
-
जैव प्रौद्योगिकी
-
बायोसाइंसेज
10. वाणिज्य और प्रबंधन संकाय:
-
व्यापार
-
एचपी यूनिवर्सिटी ऑफ बिजनेस स्कूल (एचपीयूबीएस)
-
एचपीयू-यूसीबीएस एवा लॉज
-
(ए) बीबीए यूजी वी. (बी) बीसीए यूजी
-
व्यावसायिक अध्ययन संस्थान (IVS_MTA)
11. भौतिक विज्ञान संकाय:
-
भौतिक विज्ञान
-
रसायन शास्त्र
-
गणित और सांख्यिकी
-
कंप्यूटर विज्ञान
-
भूगोल
12. सामाजिक :
-
इतिहास
-
राजनीति विज्ञान
-
अर्थशास्त्र
-
समाजशास्त्र और सामाजिक कार्य वी. मनोविज्ञान
-
सार्वजनिक प्रशासन
-
योग अध्ययन
-
पत्रकारिता और मास कॉम।
-
उम्र भर सीखना
13. प्रदर्शन और दृश्य कला संकाय:
विश्वविद्यालय ने स्नातक, स्नातकोत्तर, एम.फिल., पीएच.डी. के पाठ्यक्रमों में नियमों और अधिनियमों के आधार पर सुव्यवस्थित प्रवेष नीति निर्धारित की है।
विश्वविद्यालय में अधिकतर पाठ्यक्रमों में (स्नातकोत्तर/डिप्लोमा/सर्टिफिकेट) में प्रवेष परीक्षा की वरीयता क्रम के आधार पर प्रवेष दिया जाता है।
प्रवेष की प्रक्रिया एवं मापदण्डों से सम्बन्धित समस्त सूचनाएं विश्वविद्यालय वैबसाइट पर उपलब्ध है।